₹18,000 वेतन का वादा अधूरा! यूपी के 10 लाख आउटसोर्स कर्मचारी अब भी इंतज़ार में, जाने लेटेस्ट अपडेट UP Outsourcing Big News

UP Outsourcing Big News: उत्तर प्रदेश के तमाम आउटसोर्स कर्मचारी के वेतन और समस्याओं को लेकर बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश में अलग-अलग सरकारी विभागों में तकरीबन 10 लाख से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जो आउटसोर्स व्यवस्था के तहत काम कर रहे हैं। अलग-अलग विभाग जैसे की चिकित्सा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और बिजली विभाग यह सारे उत्तर प्रदेश के सबसे अहम विभाग हैं जहां पर 10 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी प्रतिदिन काम करते हैं। ये आउटसोर्स कर्मचारी विभिन्न प्रकार के प्राइवेट सेवा प्रदाता फर्मों के माध्यम से चयन किये जाते हैं।

उत्तर प्रदेश के 10 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों में से अधिकतर कर्मचारियों को बहुत कम वेतन मिल रहा है। उनका कहना है की सालों से उनका वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की जा रही है। इसी कारण ये कर्मचारी लगातार वेतन बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं। तमाम आउटसोर्स कर्मचारियों ने फिर से अपने अपने मानदेय (वेतन) को बढ़ाने के लिए और अन्य मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूपी विधानसभा सत्र में भी इस आउटसोर्स कर्मचारियों के काम वेतन वाले मुद्दे को उठाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक़ पत्र में बताया गया कि यूपी सरकार ने कई घोषणाएं कीं हैं, लेकिन उनपर वास्तविक कार्रवाई नहीं हुई। इसी कारण यूपी के लघभग 10 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी सरकार से नाराज है।

आउटसोर्स कर्मचारी की संगठन से नाराज़गी

आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के महामंत्री सच्चिदानंद मिश्रा ने कहा— सरकार ने कई बार वेतन बढ़ाने की बड़ी बड़ी घोषणाएं कीं है, लेकिन कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ाया गया। यूपी के तक़रीबन 10 लाख से अधिक कर्मचारी अभी हीन भावना और निराशा में हैं। विधानसभा में की गई घोषणाओं का पालन न होना गंभीर चिंता का विषय है। लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों ने मांग की है कि उनका भी न्यूनतम वेतन ₹18,000 तय किया जाए। सभी कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी का लाभ मिले।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की सरकार द्वारा 2018 में आउटसोर्स सेवा नियमावली बनाई गई थी, लेकिन बाद में इस संगठन को निरस्त कर दी गया था। 9 अगस्त 2018 को सीएम ने एसजीपीजीआई और केजीएमयू में कर्मचारियों का वेतन तय करने के लिए समिति बनाने के आदेश दिए, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद भी वेतन नहीं बढ़ा। 20 अप्रैल 2023 को मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के लिए भी वेतन निर्धारण समिति बनाई गई, जिसकी रिपोर्ट 9 जून 2023 को भेजी गई, लेकिन आदेश जारी नहीं हुए।

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यूपी विधानसभा में लिए गए बड़े निर्णय

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के विधानसभा में 21 फरवरी 2025 को शीतकालीन सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की— जितने भी आउटसोर्स कर्मचारियों जो यूपी के अलग अलग विभाग में काम कर रहे हैं उनको ₹18,000 न्यूनतम वेतन मिलेगा। सरकार ने यह भी ऐलान किया था की तमाम आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम बनाया जाएगा। लेकिन अभी 6 महीने बीत चुके हैं लेकिन उसके बाद भी न तो निगम बना और न ही वेतन बढ़ा। आउटसोर्स कर्मचारी अब सीएम के ठोस कदम और आदेश का इंतजार कर रहे हैं। जब तक आदेश जारी नहीं होता, वेतन में बढ़ोतरी सिर्फ कागज़ों और भाषणों में ही है।

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